दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र, इस योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, जांच की मांग
मध्य प्रदेश के 24 जिलों में आदिवासी हितग्राहियों की फर्जी सूची बनाकर राशि का गबन किया गया है.

भोपाल: दिग्विजय ने लिखा है कि टंडन ने बताया है कि मध्य प्रदेश के 24 जिलों में आदिवासी हितग्राहियों की फर्जी सूची बनाकर राशि का गबन किया गया है. केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के किसानों के लिए 90 करोड़ रुपये और अन्य आदिवासी किसानों को जैविक खेती से जोड़ने के लिए 54 करोड़ रुपये आवंटित किये थे |
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कभी पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ भर्ती घोटाले या किसानों के मुआवजे को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हैं तो कभी दिग्विजय सिंह सीएम या राष्ट्रपति को पत्र लिखकर समस्याओं के समाधान की मांग करते हैं. इसी कड़ी में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी को पत्र लिखा है |
क्या है पत्र में
दिग्विजय सिंह ने यह पत्र आदिवासियों के लिए “आदिवासी जैविक खेती योजना” के लिए वर्ष 2016-17 में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 74 करोड़ रुपये की राशि में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की जांच के संबंध में लिखा है. समुदाय। . दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि आवेदक ने मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय के लिए “आदिवासी जैविक खेती योजना” के लिए वर्ष 2016-17 में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 74 करोड़ रुपये की राशि में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. शिकायत की है। जिस पर राज्य शासन द्वारा कार्यवाही करने की जगह भ्रष्ट अफसरों को बचाने की कोशिश की जा रही है।इसमें पुनीत टंडन, निवासी म.नं. 9, बी-498, साकेत नगर, भोपाल का शिकायती पत्र मूलतः संलग्न है।
ये है पूरा मामला
दिग्विजय ने लिखा है कि टंडन ने बताया है कि मध्य प्रदेश के 24 जिलों में आदिवासी हितग्राहियों की फर्जी सूची बनाकर राशि का गबन किया गया है. केंद्र सरकार ने विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के किसानों के लिए 90 करोड़ रुपये और अन्य आदिवासी किसानों को जैविक खेती से जोड़ने के लिए 54 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. आवेदक इसकी शिकायत हर स्तर पर कर चुका है। जिस पर कलेक्टर मंडला ने 3 अधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर जांच करायी.
जांच समिति द्वारा जांच समिति द्वारा 11 मार्च 2022 को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि उक्त शिकायत की जांच हेतु ग्राम केन्द्र विकासखण्ड मण्डला, जिला मण्डला में हितग्राहियों से चर्चा की गयी तथा व्यक्तिगत पूछताछ एवं ग्राम का भ्रमण कर विवेचना की गयी। पाया गया कि सूची में भेजे गए किसान ब्राह्मण, तेली, कुर्मी हैं। , लोहार आदि जातियाँ पाई गईं। उन्हें किसी भी तरह की जैविक सामग्री नहीं दी गई है |